swaatiThis article is written by one of our expert consultants Astrologer Swati Sharma. For any consultation you can can reach out to us on our website Religiouskart.

माता महालक्ष्मी चल और अचल, दृश्य एवेम अदृश्य सभी सुख सुविधाओ, सम्पतियो, सिद्धियों एवम निधियों की अधिष्ठात्री साक्षात् नारायणी हैं | भगवान श्री गणेश ऋद्धि सिद्धि, बुद्धि, शुभ और लाभ के स्वामी हैं तथा सभी अमंगलौ और विघ्नों के नाशक हैं | इनकी पूजा से जीवन में सभी प्रकार का आनंद प्राप्त हौता हैं |

दीपावली के दिन यदि हम अपनी राशि अनुसार दानपुन एवम माता का पूजन कर उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं|

  • मेष राशि वाले दिवाली के दिन किसी गरीब सुहागन स्त्री को लाल वस्त्र दान करे और माता के पूजन के समय पिले रंग की ज्योत माता के सामने जलाये|
  • वृषभ राशि वाले दिवाली वाले दिन मंदिर में जा कर किसी ब्राह्मण को सफ़ेद वस्त्र दान करे और पूजन के समय माता महालक्ष्मी के इसे मंत्र का 108 बार जाप करे ” ॐ महालक्ष्मयै नमः “|
  • मिथुन राशि वाले दिवाली वाले दिन सुबह सुबह किसी किन्नर को रुपये दान करे और उसी किन्नर से 1 रुपया लेकर उसे अपनी तिजोरी या पैसे रखने वाली जगह पर रखे और पूजन के समय गणेश जी को लडू का भोग अवश्य लगाए |

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  • कर्क राशि वाले दिवाली वाले दिन गाय को अपने वजन के अनुसार चारा खिलाये और संध्या में  पूजन के समय माता महालक्ष्मी को लाल पुष्प चढ़ाये और बाद में इसे पुष्प को अपनी तिजोरी में रख ले |
  • सिंह राशि वाले इस दिन किसी गरीब को सामर्थ्य अनुसार अनाज दान करे और पूजन के समय माता के 108 नामौ का जाप करे |
  • कन्या राशि वाले इस दिन किसी ब्राह्मण स्त्री को हरी चुडिया दान करे और पूजन के समय माता लक्ष्मी के ” ॐ कमलवासनिये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करे |

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  • तुला राशि वाले दिवाली वाले दिन मंदिर में जाकर किसी भी प्रकार का श्रम दान करे और पूजन के समय माता के ” ॐ कमलायै नमः” का १०८ बार जाप करे |
  • वृश्चिक राशि वाले इस दिन माता लक्ष्मी के मंदिर जा कर उनहे गुलाबी रुमाल में लाल गुलाब का पुष्प रखकर भेट करे और संध्या पूजन के समय माता के ” ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:” मंत्र का जाप करे |
  • धनु राशि वाले इस दिन विष्णु जी को पिले वस्त्र और पिले पुष्प भेट करे और पूजन के समय माता महालक्ष्मी को केसर युक्त खीर का भोग लगाए |

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  • मकर राशि वाले इस दिन सुबह सुबह सबसे पहले किसी सफाई कर्मचारी को भोजन कराये और सामर्थ्य अनुसार उसे दान दक्षिणा दें एवम संध्या पूजन में माता को पिले पुष्पो की माला चढ़ाये
  • कुंभ राशि वाले दिवाली वाले दिन अपने घर के किसी बड़े बुजुर्ग को कुछ भेट दें और उनके पैर चुके और संध्या पूजन के समय माता महालक्ष्मी को पायल भेट करे |
  • मीन राशि वाले इस दिन अन्धाश्रम जाकर कुछ दान करे और संध्या पूजन में माता लक्ष्मी को बर्फी का भोग लगाए|

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कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को श्री महालक्ष्मी और प्रभु श्री गणेश जी की आशीर्वाद पाने के लिए सभी लोग विशेष पूजन करते हैं | शास्त्रो में वर्णन हैं की समुन्द्र मंथन के समय कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माता लक्ष्मी बाहर निकली थी और प्रभु विष्णु जी ने पत्नी के रूप में माता लक्ष्मी का वरन किया | तब से इसे दिन जौ भी माता का दिल से पूजन करता हैं उसे माता का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त हौता हैं |दिवाली के दिन घर को स्वछ कर पूजन स्थान को भी पवित्र कर ले और स्वमं भी पवित्र हौकर श्रद्धा- भक्ति पूर्वक संध्या काल में सही मुहूर्त में इनका पूजन करना चाहिए |  पूजन के लिए किसी चौकी या कपडे के पवित्र आसान पर गणेश जी के दाहिने भाग में माता लक्ष्मी को स्तापिथ करना चाहिए | माता लक्ष्मी की मूर्ति के पास ही किसी पात्र में पिले चन्दन से अष्टदल कमल बनाकर उस पर द्रव्य -लक्ष्मी ( पैसे ) को भी स्तापिथ करके दोनों की एक साथ ही पूजन करे|

सर्व प्रथम पूर्व या उत्तर की और मुख करके हाथ में जल अक्षत लेकर पूजन का संकल्प ले | उसे के बाद सबसे पहले गणेश जी को स्नान कराये और धुप, दीप, पुष्प आदि से गणेश जी का पूजन कर उनका आशीर्वाद ले और उनसे प्राथना करे की आप के और आप के परिवार में आने वाली हर मुसीबत से आप की रक्षा करे और आप को शुभ और लाभ का आशीर्वाद प्रदान करे |

इसके बाद भगवती महालक्ष्मी का पूजन प्रारम्भ करे | सर्वप्रथम माता को प्रणाम करे और पुष्प हाथ में लेकर माँ का ध्यान करे और उनका अपने घर में अपने परिवार में आवाहन करे | माता लक्ष्मी ब्याहता हैं और ये तौ सब को पता हैं की एक शादीशुदा औरत में पति के बिना कहीं नहीं रहती इसे  लिए माता लक्ष्मी के साथ विश्व के पालनहार और माता लक्ष्मी के पति भगवान विष्णु का आवाहन करना न भूले | आवाहन के पश्चात् माता लक्ष्मी को कमल का फूल आसान के रूप में अर्पण करे|

इसेके पश्चात् माँ को गाय के दूध फिर शुद्ध जल से स्नान कराये| इसके पश्चात् दही से फिर शुद्ध जल से स्नान कराये | घी से फिर शुद्ध जल से स्नान कराये | शहद से फिर पुनः शुद्ध जल से स्नान कराये | शकर से स्नान कराकर उसे के पश्चात शुद्ध जल से स्नान कराये| स्नान करने के पश्चात् माता को टिका करे और श्रद्धा अनुसार वस्त्र और श्रृंगार आदि सामान माता को भेट करे | माता पर तेल एवम इत्र चढ़ाये | माता को पुष्पो तथा पुष्प माला से अलंकृत करे | हो सके तौ माता को लाल पुष्प अवश्य चढ़ाये |

अब माता के सामने एक एक पुष्प रखते हुए उनके आठौ रूपो को पढ़ते हुए उनका पूजन करे | १) ॐ आदिलक्ष्मये नमः, (२) ॐ विद्यालक्ष्मये नमः, (३)  ॐ सौभाग्यलक्ष्मये नमः,(४) ॐ अमृतलक्ष्मये नमः, (५) ॐ कामलक्ष्मये नमः, (६) ॐ सत्यलक्ष्मये नमः (७) ॐ भोगलक्ष्मये नमः, (८) ॐ योगलक्ष्मये नमः |

अब माता को नैवद्य आदि का भोग लगाए और अगर संभव हौ तौ माता महालक्ष्मी को खीर का भोग अवश्य लगाए और आरती कर ले |

माता महालक्ष्मी के पूजन के पश्चात् तिजोरी अथवा पैसे रखे जानेवाले संदूक आदि पर स्वस्तिक बनाये और उसे में निधिपति कुबेर का आवाहन करे| आवाहन के पश्चात् ॐ कुबेराय नमः का १०८ बार जाप करे और उनसे प्रार्थना करे की उनका आशीर्वाद आप के ऊपर बना रहे और आप की तिजोरी कभी खाली न हौ और आप के परिवार में सुख समृद्धि का वास हौ |

 

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